किसान क्रेडिट कार्ड के नुकसान?

किसान क्रेडिट कार्ड के नुकसान? Kisan credit card ke nuksan.

किसान क्रेडिट कार्ड के नुकसान आज के इस आर्टिकल में हम मुख्य रूप से इसके बारे में जानेंगे। जैसा कि हम सभी जानते है कि हमारा भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहां 60% लोग खेती करके अपना जीवन यापन करते हैं।

वहीं किसानों को उनकी खेती में कई प्रकार के खर्च होते हैं। इन्हीं खर्चों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसानों के हित के लिए साल 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवाया है।

जिसके जरिए किसान खेतों में होने वाले खर्चों की पूर्ति आसानी से कर सकता है। किसान क्रेडिट कार्ड से किसान अपने उत्पादक की जरूरतों के लिए कैश समय पर प्राप्त करके अपनी खेतों की जरूरत को पूरा कर सकता है।

परंतु इस किसान क्रेडिट कार्ड के कई सारे नुकसान है जिसके बारे में किसानों को कोई जानकारी नहीं होती।

तो आज के इस आर्टिकल में हम क्रेडिट कार्ड के नुकसान के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही इसके सभी पहलू को अच्छी तरह समझेंगे। इसीलिए आज के इस आर्टिकल को बड़े ही ध्यान पूर्वक पढ़ें और हमारे साथ अंत तक बने रहे।

किसान क्रेडिट कार्ड के नुकसान?
किसान क्रेडिट कार्ड के नुकसान?

किसान क्रेडिट कार्ड के नुकसान?

यदि बात की जाए किसान क्रेडिट कार्ड के नुकसान की तो इसका मुख्य कारण यह है कि हमारे कई सारे किसान भाइयों को क्रेडिट कार्ड के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं होती।

इसके साथ ही, ना ही उन्हें क्रेडिट कार्ड के नियमों के बारे में पता होता है। इन सब कारणों की वजह से भी वह कई बार अपना नुकसान करवा लेते है। आज हम इन सभी नुकसानओं के बारे में जानेंगे।

  1. किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा लिए गए लोन को यदि आप समय पर नहीं चुकाते हैं तो इसके कारण आपको अतिरिक्त छूट नहीं मिलती है, जिसके कारण 7% का सालाना ब्याज देना पड़ता है।
  2. यदि आप इस किसान क्रेडिट कार्ड के द्वारा लिए गए लोन को खेती में इस्तेमाल ना करके यदि अपनी किसी पर्सनल चीज पर खर्च करते हो तो सरकार का जो मुख्य उद्देश्य है वह विफल हो जाएगा और आपको लोन चुकाने में परेशानी हो सकती है। 
  3. वैसे तो इस लोन को प्राप्त करने के लिए किसी भी प्रकार के कोई चार्ज देने नहीं होते। लेकिन भ्रष्टाचार बढ़ जाने के कारण कई सारे agency ऐसे भी होते हैं जो कि लोन निकलवाने के लिए किसानों से घूस ले लेते हैं। परंतु आपको इस भ्रष्टाचार के चक्कर में ना पर के सीधे बैंक जाकर इस लोन के संदर्भ में बैंक मैनेजर से बात करनी होगी।
  4. पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए आपको केवल ₹200000 तक का लोन मिल सकता है जबकि यदि आप कृषि विभाग के लिए लोन लेगे तो आपको ₹300000 तक का लोन मिल सकता है।
  5. यदि आप किसान क्रेडिट कार्ड पर बैंक से लोन उठाना चाहते हैं तो यह थोड़ा सा मुश्किल होता है क्योंकि बैंक को ऐसा लगता है कि किसान क्रेडिट कार्ड पर दिया गया लोन वापस मिल पाना थोड़ा मुश्किल होता है।
  6. फसल की बिक्री पर हर 6 माह में नियमित रूप से ब्याज और मूल धन का पूरा भुगतान करें। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो बैंक बकाया राशि पर subsidized rate के ब्याज सामान्य कृषि लोन पर लागू ब्याज दर के हिसाब से ब्याज वसूल करेगा।
  7. इसके साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड की वैलिडिटी केवल 5 वर्ष की होती है।
  8. किसी किसान की आयु 70 वर्ष से ऊपर की हो जाती है तो उस किसान को अपने साथ सह-आवेदक लाना होगा। जिसकी आयु 60 वर्ष से कम होनी चाहिए। इसके साथ ही आवेदक के पास खुद का जमीन होना चाहिए।

क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग?

जितने आप वापस भुगतान कर सकते हैं उससे अधिक खर्च कभी ना करें।

  • अपने कार्ड पर दैनिक खरीदारी करने से बचें जिससे कि आपको यह पता हो कि आप कितना खर्च कर रहे हैं।
  • fine print पढ़े ताकि आप अपने कार्ड को नियंत्रित करने वाले सभी शुल्कों और शर्तों की जानकारी हो।
  • बकाया कार्ड राशि पर ब्याज का भुगतान करने से बचने के लिए अपने कार्ड पर की गई बड़ी खर्च के लिए eMI का विकल्प चुनें।
  • समय पर अपने क्रेडिट सीमा की जांच करते रहे और जब आप अपने उपलब्ध क्रेडिट सीमा का 40% तक खर्च कर ले तो अपने खर्चों पर थोड़ा ध्यान दें और लगाम लगाएं।
  • आपात स्थिति में अपने क्रेडिट कार्ड में हमेशा 40% तक की सीमा रखें।
  • कभी भी कार्ड के भुगतान करने से ना चुके, क्योंकि इसके परिणाम आपको स्वरूप उच्च शुल्क और भारी जुर्माना लगेगा।
  • अपनी खरीदारी की एक योजना बनाएं और कार्ड का उपयोग केवल नियोजित खरीदारी के लिए करें। अपने कार्ड का इस्तेमाल अनुपयोगी खरीदारों में ना करें।

यदि आपने अपने कार्ड पर अधिक खर्च किया है तो बैंक से संपर्क करें। कर्ज में डूबने से बचने के लिए वे ब्याज की एक निश्चित दर के साथ भुगतान वापसी योजना तैयार करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।

केसीसी के लिए जरूरी दस्तावेज और पात्रता?

  • पहचान का प्रमाण-मतदान पहचान पत्र, पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, डीएल आदि
  • आवेदक की फोटो
  • व्यक्तिगत खेती या संयुक्त कृषि कर रहे किसान इसके लिए पात्र है।
  • किसी और बैंक में कर्जदार ना होने का एफिडेविड।
  • विधिवत भरा हुआ आवेदन पत्र
  • पट्टेदार, बटाईदार किसान और स्वयं सहायता समूह भी लाभ ले सकता है।
  • आप कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए भी आवेदन कर सकते हैं।
  • सभी सरकारी, निजी, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इसे बना सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने जाना किसान क्रेडिट कार्ड के नुकसान के बारे में। इसके साथ ही इससे जुड़े कई अन्य बातों के बारे में भी समझा।

हमने इस आर्टिकल में क्रेडिट कार्ड के नुकसान के साथ-साथ, क्रेडिट कार्ड के सही उपयोग के बारे में भी जाना। इसके साथ ही इसके जरूरी दस्तावेजों और पात्रता के बारे में भी चर्चा की।

आशा है आज के इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन में किसान क्रेडिट कार्ड के नुकसान से संबंधित जो भी प्रश्न होंगे, उन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको मिल गए होंगे।

यदि इस आर्टिकल से संबंधित आपके कोई प्रश्न हैं तो आप हमें नीचे comment box में लिखकर बता सकते हैं। उम्मीद है आज का आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। ऐसी ही जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहे।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना कब शुरू हुई थी?

किसान क्रेडिट कार्ड योजना 1998 ईस्वी में शुरू की गई थी।

क्या क्रेडिट कार्ड की तरह ही होता है किसान क्रेडिट कार्ड?

किसान क्रेडिट कार्ड भारतीय किसानों को सस्ते व्याज दर पर दी जाने वाला एक कृषि ऋण है। यह क्रेडिट कार्ड से थोड़ा अलग होता है।

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