यदि आपने भी लोन लिया है और आप उसे चुकाने में असमर्थ हैं। यदि किस्तों पर राशि होने के बाद भी आप लोन की रकम नहीं चुका पा रहे हैं और आपको इस बात की फिकर होती रहती है कि इसके कारण आपको जेल हो सकती है, तो फिर आज का यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
तो आज इस आर्टिकल में हम लोन ना चुकाने से जेल हो सकती है इसके बारे में जानेंगे। इसके साथ ही इससे जुड़ी कई अन्य बातों के बारे में भी जानेंगे। इसीलिए आज के इस आर्टिकल को बड़े ही ध्यान पूर्वक पढ़ें और हमारे साथ अंत तक बने रहे।
लोन ना चुकाने से जेल हो सकती है?
यदि बात की जाए लोन ना चुकाने से जेल हो सकती है तो आपको इसके लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि लोन ना चुकाने पर आपको सीधा जेल नहीं होती है।
इससे पहले कई तरह की चीजें बैंकों द्वारा की जाती है। जब आप एक निश्चित अवधि के बाद भी आप ऋण चुकाने में असमर्थ रहते हो तो ऋणदाता पहले आपके ऋण खाते को non performing asset के रूप में क्रेडिट कार्ड ब्यूरो को रिपोर्ट करता है।
क्रेडिट कार्ड ब्यूरो में रिपोर्ट करते ही आपके क्रेडिट स्कोर पर बहुत ही गंभीर प्रभाव पड़ता है और आपका क्रेडिट स्कोर काफी नीचे हो जाता है। इसके अलावा लोन ना चुकाने पर आप के उपर सिविल चार्ज और क्रिमिनल चार्जेस लगाए जा सकते हैं।
इसका मतलब यह है कि एक वास्तविक लोन डिफॉल्टर को नहीं भेज सकता है। इसके अलावा आप यदि वास्तविक ऋण चुककर्ता है, तो आप ऋण दाता के साथ रेन सेटलमेंट के लिए बातचीत कर सकते हैं।
तो अब हम जानते हैं कि अगर लोन आ चुका है जाए तो हमारे साथ क्या-क्या हो सकता है,
लोन न चुकाने पर क्या हो सकता है?
- यदि आप अपने महीने की किस्त को चुकाते हैं और यदि आपको किस्त चुकाने में देर हो जाती है तो सबसे पहले आपको लोन संस्थान से कॉल आएगा।
- आपके 3 माह यानी कि 90 दिन का किस्त ना चुकाने पर आप को एनपीए घोषित किया जा सकता है।
- इसके बाद बैंक उधार करता को एक नोटिस भेजा जाता है, जिसमें के ऋण चुकाने के लिए समय दिया जाता है। यदि आप इस नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो आपके द्वारा दिए गए पते पर लोन संस्था के लोग जाते हैं।
- इसके अलावा यदि आप उस नोटिस का जवाब देते हुए लोन संस्थान के लोगों से मिलते हैं तो वह आपसे लोन ना चुकाने का कारण पूछते हैं।
- यदि आप लोन संस्थान को इस प्रकार के कारण देते हैं जैसे कि आपकी नौकरी छूट गई है या फिर आपको बिजनेस में नुकसान हुआ है तो फिर वह आपको अपनी संपत्ति बेचने का सुझाव देते हैं। या फिर लोन सेटेलमेंट का बोलते हैं।
- इसके अलावा यदि आप इन सारी परिस्थितियों से भागने की कोशिश करते हैं तो आप बहुत ही गंभीर संकट में पड़ सकते हैं क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं तो लोन संस्था ना केवल आपकी संपत्ति बेचती है बल्कि वह पुलिस को भी रिपोर्ट कर देते हैं जिससे कि आप के नाम पर वारंट शुरू हो जाता है।
- इसके अलावा यदि लोन संस्था के पास पहले से ही आपकी संपत्ति गिरवी है तो वह पहले ही इस बात की पुष्टि पूरी तरह कर लेती है कि यदि आप लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ रहते हो तो लोन संस्थान आपकी संपत्ति बेचने या नीलाम करने के बारे में सोच सकती हैं।
- यदि लोन संस्थान ने आपकी संपत्ति को बेच दी है और उसमे उनकी ऋण राशि वसूलने के बाद पैसे बच जाते हैं तो वह आपको बाकी के पैसे लौटा देते हैं।
तो अब हम जानते हैं की लोन ना चुकाने पर क्या सजा होती है,
लोन ना चुकाने पर क्या सजा होती है?
- बहुत कम कर्ज वाले असहाय व्यक्तियों के लिए सजा का कोई प्रावधान नहीं है।
- डिफॉल्टर को जेल भेजकर बैंक का कोई फायदा नहीं होता, इसलिए वह ज्यादातर सेटलमेंट को तरजीह देते हैं। सबसे बड़ा मामला कर्ज न चुकाने का या हो सकता है कि आप पर कार्यवाही हो।
- यदि डिफॉल्टर के लोन राशि 25 लाख से ज्यादा की है तो उस पर यह दो कार्रवाई की जाएगी। भारतीय दंड आईपीसी 1860 की धारा 403 और 415 के प्रावधानों के तहत मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए, चुककर्ता को ऋण का भुगतान ना करने के लिए अपराधिक मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है।
इन्हें भी पढ़ें
तो अब हम जानते हैं कि यदि आप लोन चुकाने में असमर्थ है तो आपके कानूनी अधिकार क्या क्या है,
लोन चुकाने में असमर्थ होने पर आपके कानूनी अधिकार क्या है?
अगर आप किसी कारणवश लोन नहीं चुका पाते हैं, तो आरबीआई आपको कई क़ानूनी अधिकार प्रदान करती हैं, कोई भी बैंक या NBFC आपके इन नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकती है।
60 दिन पहले नोटिस देना:
यदि आपने 90 दिनों तक कोई लोन राशि नहीं चुकाई होती है तो फिर बैंक आपको एनपीए मानता है और यदि आपने अपनी संपत्ति गिरवी रखी होती है तो फिर उस संपत्ति को बेचने से 60 दिन पहले बैंक आपको नोटिस देता है।
अपनी संपत्ति की सही कीमत प्राप्त करना:
बैंक द्वारा की गई नीलामी में यदि आपकी संपत्ति की सही कीमत नहीं मिल रही है तो आप उस नीलामी को रोक सकते हैं और उस संपत्ति को बेच कर बैंक का सारा लोन चुका सकते हैं।
नीलामी शेष राशि की वापसी प्राप्त करें:
नीलामी के बाद बैंक लोन की साड़ी रकम वसूलने के बाद जितनी शेष राशि होती है वह आपको वापस करें ऐसा प्रावधान है। यदि बैंक ऐसा नहीं करता तो आप उसके खिलाफ कार्यवाही कर सकते हैं।
अपने मानव अधिकारों का बचाव करना:
यदि आप ऋण चुकाने में असमर्थ है, तो बैंक ना तो ऋण वसूली एजेंट के द्वारा या ना ही किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा आपके मानव अधिकारों का हनन नहीं कर सकता है। यदि कोई ऐसा करता है तो आप कानून की मदद ले सकते हैं।
अपनी निजता की सुरक्षा:
यदि आप ऋण ईएमआई चुकाने में असमर्थ हैं, तो आपके दिन की एमआई ना चुकाने की जानकारी किसी भी व्यक्ति के साथ साझा करने का अधिकार ना तो बैंक के पास होता है ना ही लोन रिकवरी एजेंट के पास। यदि कोई ऐसा करता है तो आप बैंक के खिलाफ कानूनी कारवाही करवा सकते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने लोन ना चुकाने से जेल हो सकती है, इसके बारे में जाना। इसके साथ ही हमने इससे जुड़ी कई अन्य जानकारियों के बारे में भी समझा।
आशा है आज के इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन में लोन ना चुकाने की से जेल हो सकती है से संबंधित जो भी प्रश्न होंगे, उन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको मिल गए होंगे।
यदि इस आर्टिकल से संबंधित आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते हैं। उम्मीद है आज का यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। ऐसी ही आने जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहे।